आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक की पूर्व CEO Chanda kochhar को CBI की विशेष अदालत ने रिश्वत लेने के जुर्म में दोषी करार दिया है। जानें कैसे वीडियोकॉन ग्रुप को ₹300 करोड़ का लोन अप्प्रोवे करवाने के लिए लिए पुरे ₹64 करोड़ की रिश्वत। जानिए पूरी सच…

Chanda kochhar रिश्वत केस में दोषी करार: मामला क्या है?
ICICI बैंक की पूर्व CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर Chanda kochhar को एक बड़े कॉरपोरेट घोटाले में दोषी पाया गया है। यह मामला साल 2009-11 के दौरान ICICI बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए ₹300 करोड़ के लोन से जुड़ा हुआ है। मिली जानकारी से पता चला है की 27 अगस्त 2009 में वीडियोकॉन ग्रुप ने ICICI बैंक से ₹300 करोड़ रूपये का लोन लेने की मांग की थी। इस लोन के बदले में Chanda kochhar और उनके पति Deepak kochhar पर कथित रूप से ₹64 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप है।

CBI की विशेष अदालत ने इस मामले में Chanda kochhar, Deepak kochhar और वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को दोषी करार दिया है। न्यूज़ और मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है की वीडियोकॉन ग्रुप का लोन मंजूर करवाने के लिए Chanda kochhar ने 64 करोड़ रूपये की मांग की थी। जिसमे उनके पति भी शामिल थे। बताया जा रहा है की यह रकम वीडियोकॉन ग्रुप के लोन मंजूर होने के अगले दिन ही Chanda kochhar के पति Deepak kochhar के जरिए एक कंपनी में पहुंचाए गए।
कैसे हुआ ₹300 करोड़ का लोन और रिश्वत का खेल?
- सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार:
- 2009 में ICICI बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को ₹300 करोड़ का लोन मंजूर किया था।
- लोन मंजूरी के कुछ महीनों के अंदर ही Chanda kochhar के पति Deepak kochhar की कंपनी NuPower Renewables में ₹64 करोड़ का निवेश हुआ।
- यह निवेश उस समय हुआ जब Chanda kochhar ICICI बैंक की लोन अप्रूवल कमेटी में थीं।
- जैसे ही इतनी बड़ी ट्रांसक्शन के बारे में पता चला तो CBI ने Chanda kochhar और उनके पति Deepak kochhar के ऊपर इन्वेस्टीगेशन शुरू कर दी।
- CBI की इन्वेस्टीगेशन में Chanda kochhar के ऊपर 64 करोड़ की रिश्वत लेने का इलज़ाम लगा।
- CBI ने इसे quid pro quo यानी “लोन के बदले रिश्वत” करार दिया है।
ट्रिब्यूनल की सख्त टिप्पणी

ICICI बैंक की ओर से Chanda kochhar पर बैंक ने जरूरी नियमों को तोड़ने का आरोप लगा है। उनपर लोन मंजूर करवाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगा है जिसमे उन्होंने बैंक को बताया नहीं की उनके पति का वीडियोकॉन के साथ कारोबारी रिश्ता है। जो की बैंक के नियमों के विरुद्ध है, ट्रिब्यूनल ने अपनी पुष्टि देते हुए कहा की चंदा यह नहीं कह सकती की उन्हें अपने पति के कामकाज के बारे में कुछ जानकारी नहीं थी। चंदा ने पूर्ण रूप से जानकारी को छुपाया है |
अभी भी जारी है कानूनी लड़ाई
रिश्वत खोरी मामले का पता चलते ही ICICI बैंक ने चंदा और उनके पति Deepak kochhar पर केस कर दिया। वीडियोकॉन ग्रुप का ₹300 करोड़ का लोन मंजूर करवाने के लिए ₹64 करोड़ रूपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। हालाकिं फ़िलहाल चंदा और दीपक अभी जमानत पर जेल से बहार हैं। लेकिन उन पर कोर्ट की कारवाही अभी ख़तम नहीं हुई है। कारवाही अभी जारी है, ट्रिबूलन ने कहा की उन्होंने बैंक के साथ धोखाधड़ी की जिससे बैंक को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। कोर्ट की तरह से Chanda kochhar के केस में अगली तारीख को सुनवाई होगी और फैसला किया जायगा।

इस केस का बड़ा संदेश
Chanda kochhar को कभी भारत की सबसे प्रभावशाली महिला बैंकर्स में गिना जाता था। लेकिन इस केस ने दिखा दिया कि यदि नैतिकता और पारदर्शिता के साथ न चला जाए, तो कोई भी गिर सकता है। कॉर्पोरेट जगत में यह फैसला एक चेतावनी है कि नियमों की अनदेखी और निजी लाभ या पैसों के लालच के लिए सिस्टम का दुरुपयोग करने का अंजाम क्या हो सकता है।
FAQs
Q1: Chanda kochhar कौन हैं?
Chanda kochhar ICICI बैंक की पूर्व CEO और MD रही हैं। उन्हें भारत की टॉप महिला बैंकर्स में गिना जाता था।
Q2: Chanda kochhar पर क्या आरोप हैं?
उन पर आरोप है कि उन्होंने वीडियोकॉन को ₹300 करोड़ का लोन मंजूर करवाने के बदले में पति की कंपनी के जरिए ₹64 करोड़ की रिश्वत ली।
Q3: क्या Chanda kochhar को सजा सुनाई गई है?
फिलहाल कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया है। सजा कोर्ट की अगली तारीख पर जल्द ही तय की जाएगी।
Q4: इसमें वीडियोकॉन ग्रुप की क्या भूमिका है?
वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने कथित रूप से रिश्वत की रकम को निवेश के रूप में Deepak kochhar की कंपनी में डाला, जो उनकी सबसे बड़ी भूल थी।